***कुछ तो कशिश***
कुछ तो कशिश तुझमें बाकी है
जो तुझे दुनिया को दिखानी है।
ज्वाला बनने के लिए तो
एक चिंगारी भी काफी है।
कयामत से क्या पुंछना ...
खुद का वजुद।
जरूरत तो तुझे
खुदमें झांकने की है।
रियासत तुझे मिली है वक्त की
पल पल उसे जाँया न कर।
निरंतर कर्म से जुडाँ रह अपने
पा लेगा मंजिल आज नही तो कल।
माँयुस ना होना कभी जिंदगी से।
रोजमर्रा की जिंदगी से
थोडासा बाहर आकर तो देख ।
कर ले खुदसे बातें थोडी
जी ले थोडासा तनहां रहकर।
क्या पायां क्या खोयां है
परवाह तु इसकी मत कर।
आँसमा कि बुलंदी को तुझे छुना है
बस इतना ही खयाल
दिल में जिंदा रखा कर।
जिंदगी कहां लेके जायेगी
इसके बारे में तु सोच मत।
बस जिंदगी जीना सिखना है
इसपर देख थोडासा सोचकर।
कुछ तो कशीश तुझमें बाकी है
जो तुझे दुनिया को दिखानी है।
मंजिल कि परवाह करने से पहले
कुछ पग चलना तो सिंखले।
-मयुर पन्हाळे
mayurpanhale.blogspot.com
कुछ तो कशिश तुझमें बाकी है
जो तुझे दुनिया को दिखानी है।
ज्वाला बनने के लिए तो
एक चिंगारी भी काफी है।
कयामत से क्या पुंछना ...
खुद का वजुद।
जरूरत तो तुझे
खुदमें झांकने की है।
रियासत तुझे मिली है वक्त की
पल पल उसे जाँया न कर।
निरंतर कर्म से जुडाँ रह अपने
पा लेगा मंजिल आज नही तो कल।
माँयुस ना होना कभी जिंदगी से।
रोजमर्रा की जिंदगी से
थोडासा बाहर आकर तो देख ।
कर ले खुदसे बातें थोडी
जी ले थोडासा तनहां रहकर।
क्या पायां क्या खोयां है
परवाह तु इसकी मत कर।
आँसमा कि बुलंदी को तुझे छुना है
बस इतना ही खयाल
दिल में जिंदा रखा कर।
जिंदगी कहां लेके जायेगी
इसके बारे में तु सोच मत।
बस जिंदगी जीना सिखना है
इसपर देख थोडासा सोचकर।
कुछ तो कशीश तुझमें बाकी है
जो तुझे दुनिया को दिखानी है।
मंजिल कि परवाह करने से पहले
कुछ पग चलना तो सिंखले।
-मयुर पन्हाळे
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